
उत्तर प्रदेश सरकार ने हर घर नल योजना (Har Ghar Nal Yojana) के तहत 10% सामुदायिक योगदान की छूट दी
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में जल जीवन मिशन के तहत Har Ghar Nal Yojana से संबंधित महत्वपूर्ण घोषणा की है। राज्य सरकार ने इस योजना के तहत सामुदायिक योगदान की 10% शर्त को हटा लिया है, जिससे अब राज्य सरकार इस खर्च को उठाएगी। इस निर्णय से लगभग 2.33 करोड़ परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा, विशेष रूप से पश्चिम उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में, जहां स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति की बड़ी कमी थी। अब ग्रामीणों को केवल 50 रुपये का नाममात्र मेंटेनेंस शुल्क अदा करना होगा।
जल जीवन मिशन का पृष्ठभूमि
जल जीवन मिशन भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण केंद्रीय योजना है, जिसका उद्देश्य हर घर में पाइप से जल की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। जल शक्ति मंत्रालय द्वारा शुरू की गई यह योजना 2024 तक प्रत्येक घर को सुरक्षित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखती है। इसके साथ ही यह योजना वर्षा जल संचयन और ग्रे वॉटर पुनः उपयोग जैसे सतत जल प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा देने पर भी जोर देती है, खासकर पश्चिम उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों में, जहां जल संकट गहरा है।
हर घर नल योजना का परिचय
‘हर घर नल योजना’ जल जीवन मिशन का एक अहम हिस्सा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कार्यात्मक नल कनेक्शन प्रदान करना है। पहले, ग्रामीणों से इस कनेक्शन के लिए कुल लागत का 10% सामुदायिक योगदान लिया जाता था। हालांकि, हाल ही में राज्य सरकार ने इस योगदान को समाप्त करने का निर्णय लिया है, जिससे राज्य सरकार अब इस वित्तीय बोझ को उठाएगी। विशेषकर पश्चिम उत्तर प्रदेश के जिलों में यह कदम बहुत महत्वपूर्ण है, जहां पानी की भारी किल्लत है, जैसे मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर और बागपत।
छूट के वित्तीय प्रभाव
सामुदायिक योगदान की छूट का असर ग्रामीणों पर प्रत्यक्ष रूप से पड़ेगा। अनुमानित तौर पर, इससे ग्रामीणों को करीब 9,092.42 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी। वर्तमान वित्तीय वर्ष के बजट में उत्तर प्रदेश सरकार ने इस पहल को समर्थन देने के लिए 2,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिलों में, जैसे मेरठ, मुरादाबाद, और सहारनपुर, जहां पानी की भारी किल्लत है, इस योजना से लाखों परिवारों को सीधा लाभ होगा।
सामुदायिक योगदान विवरण
पहले, सामुदायिक योगदान ग्रामीणों के जनसंख्या समूह पर आधारित होता था। अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) जनसंख्या वाले गांवों से 5% योगदान लिया जाता था, जबकि अन्य गांवों में यह योगदान 10% था। अब राज्य सरकार के इस निर्णय से यह सुनिश्चित हुआ है कि आर्थिक सीमाओं के कारण ग्रामीणों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा, और उन्हें जरूरी सेवाओं की पहुंच में कोई बाधा नहीं आएगी। विशेषकर पश्चिम उत्तर प्रदेश के छोटे गांवों में यह कदम ग्रामीणों के लिए राहत लेकर आया है।
Har Ghar Nal Yojana का उद्देश्य और लाभ
हर घर नल योजना के तहत सभी ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन प्रदान किए जाएंगे। यह योजना न केवल ग्रामीणों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए है, बल्कि इससे पानी से संबंधित बीमारियों से होने वाली बाल मृत्यु दर में भी कमी आएगी। यह सुनिश्चित करेगा कि बच्चों को सुरक्षित और स्वच्छ पानी मिल सके, जो जल जनित बीमारियों से बचाव करेगा।
योजना के तहत, सरकार ने 2024 तक 6 करोड़ घरों में पानी कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सरकार ने 3.60 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। योजना का उद्देश्य केवल नल कनेक्शन की आपूर्ति ही नहीं, बल्कि पहले से लगे कनेक्शनों की कार्यशीलता सुनिश्चित करना भी है।
हर घर नल योजना के तहत अब तक कुल 14,42,26,979 नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं, और यह संख्या तेजी से बढ़ रही है। गोवा पहला राज्य है जिसने 100% नल जल आपूर्ति पूरी की है, इसके बाद तेलंगाना और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का नंबर आता है।
हर घर नल योजना के आवेदन और प्रक्रिया
हर घर नल योजना के तहत पात्र व्यक्ति ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले उन्हें जल संसाधन विभाग से आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा। फिर आवेदन पत्र में सभी आवश्यक जानकारी भरने के बाद उसे निर्धारित दस्तावेजों के साथ संलग्न करके संबंधित विभाग में जमा करना होगा। आवेदन प्रक्रिया के दौरान यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि सभी दस्तावेज सही और प्रमाणित हों।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज:
- पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस)
- निवास प्रमाण (आधार कार्ड, utility बिल्स – गैस कनेक्शन, बिजली बिल)
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
- स्थानीय निवासी प्रमाणपत्र (डोमिसाइल)
दस्तावेजों की सूची राज्य दर राज्य भिन्न हो सकती है, इसलिए आवेदन से पहले जल संसाधन विभाग से सही दस्तावेजों की पुष्टि कर लें।
अन्य राज्यों का दृष्टिकोण
उत्तर प्रदेश द्वारा अपनाई गई यह पहल एकमात्र नहीं है। हरियाणा, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे अन्य राज्यों ने भी इसी तरह के जल आपूर्ति कार्यक्रमों के लिए सामुदायिक योगदान की लागत को कवर किया है। राजस्थान में भी मुख्यमंत्री ने इस छूट की घोषणा की है, जबकि मध्य प्रदेश इस मुद्दे पर विचार कर रहा है। पश्चिम उत्तर प्रदेश में इस प्रकार की योजनाओं को बढ़ावा देने से जल संकट की समस्या हल हो सकती है।
ग्राम पंचायतों की भूमिका
‘हर घर नल योजना’ के तहत अब ग्रामीणों को पानी की आपूर्ति प्रणाली की लगातार देखभाल के लिए ग्राम पंचायतों को केवल 50 रुपये का नाममात्र मेंटेनेंस शुल्क अदा करना होगा। यह शुल्क पानी की आपूर्ति प्रणाली की नियमित देखभाल में सहायता करेगा। सरकार का मानना है कि ग्रामीण निवासियों पर वित्तीय दबाव न्यूनतम होना चाहिए ताकि सभी को समान रूप से स्वच्छ पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। पश्चिम उत्तर प्रदेश के ग्राम पंचायतों के लिए यह योजना एक नया अवसर लेकर आई है, जिससे वे पानी की आपूर्ति में अपनी भूमिका को सशक्त बना सकते हैं।
जल जीवन मिशन के उद्देश्य
जल जीवन मिशन के कई महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं। इसका मुख्य उद्देश्य हर ग्रामीण घर को कार्यात्मक नल कनेक्शन प्रदान करना है, खासकर उन क्षेत्रों को प्राथमिकता देते हुए, जहां पानी की गुणवत्ता खराब है या जहां सूखा प्रभावित क्षेत्र हैं, जैसे पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिलों में। यह मिशन जल आपूर्ति प्रणालियों की स्थिरता सुनिश्चित करने और स्थानीय जल संसाधनों के प्रबंधन में समुदाय की भागीदारी को बढ़ावा देने पर भी जोर देता है।
जल जीवन मिशन का भविष्य
जल जीवन मिशन के तहत उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम न केवल ग्रामीणों के लिए स्वच्छ पानी की सुविधा सुनिश्चित करने में मदद करेगा, बल्कि यह जल संकट के समाधान में भी अहम भूमिका निभाएगा। पश्चिम उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में जहां पानी की उपलब्धता की सबसे बड़ी समस्या रही है, वहां इस योजना से बड़ी राहत मिलेगी। सरकार का यह प्रयास जल संकट से निपटने के साथ-साथ ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में भी मदद करेगा। आने वाले समय में यह पहल अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल बन सकती है और जल आपूर्ति के क्षेत्र में बड़े बदलाव का कारण बन सकती है।
निष्कर्ष
‘हर घर नल योजना‘ उत्तर प्रदेश सरकार का एक अहम कदम है, जो ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ पानी की उपलब्धता को सुनिश्चित करेगा। सामुदायिक योगदान की छूट से लगभग 2.33 करोड़ परिवारों को वित्तीय राहत मिलेगी और इस निर्णय से जल जीवन मिशन के उद्देश्यों को और मजबूती मिलेगी। सरकार का यह प्रयास जल संकट से निपटने के साथ-साथ पश्चिम उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा। आने वाले समय में यह पहल पूरे उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श बन सकती है।