
हमला: खेत की रखवाली जाते समय घात लगाकर हमला
बरवाला गांव में खेतों की फसल की सुरक्षा के लिए जा रहे किरणपाल और उनके बेटे सचिन पर हमलावरों ने बेरहमी से हमला किया। हमलावरों ने बलकटी और लाठी-डंडों का इस्तेमाल किया, जिससे सचिन गंभीर रूप से घायल हो गया। यह घटना 24 फरवरी की शाम की है, जब पिता-पुत्र खेत की ओर जा रहे थे। अचानक, बाइक पर सवार संजीव, राजेश और तीन अज्ञात युवकों ने रास्ता रोककर गाली-गलौज की और फिर हमला कर दिया। हमलावरों ने इतनी बर्बरता दिखाई कि सचिन के सिर और पैर पर 50 से अधिक टांके आए हैं।
गांव में मची अफरातफरी, हमलावर धमकी देकर फरार
हमलावरों के इस हमले से इलाके में दहशत फैल गई। जब पिता-पुत्र पर हमले की खबर गांव में फैली, तो लोग घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। ग्रामीणों को देखकर हमलावर मौके से भाग निकले, लेकिन जाते-जाते उन्होंने पीड़ित परिवार को गंभीर धमकियां भी दीं। इस हमले के बाद गांव में तनाव का माहौल है और लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
सचिन की हालत बिगड़ी, जिला अस्पताल में भर्ती
इस हिंसक हमले के बाद सचिन को प्राथमिक उपचार दिया गया, लेकिन उसकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई। बुधवार को सचिन की हालत नाजुक होने के कारण उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार, सचिन को गंभीर चोटें आई हैं और उसे उबरने में लंबा समय लग सकता है।
परिजनों का आरोप: पुलिस कार्रवाई में देरी क्यों?
घटना के बाद सचिन के परिजनों ने पुलिस से गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने आरोप लगाया कि अब तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। परिजनों का कहना है कि पुलिस की सुस्ती के कारण अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं और पीड़ित परिवार को धमका रहे हैं।
पुलिस का बयान: जांच जारी, आरोपियों की तलाश
इस मामले में पुलिस ने बयान जारी करते हुए कहा कि दो नामजद और पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस जांच में जुटी है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
गांव में बढ़ता अपराध: सुरक्षा को लेकर चिंता
बरवाला गांव में इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में कानून व्यवस्था कमजोर हो रही है, जिससे अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। लोग अब खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
न्याय की मांग: ग्रामीणों का प्रदर्शन संभव
इस हमले के बाद गांव के लोग आक्रोश में हैं। कई ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो वे प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए गांव के लोग एकजुट हो रहे हैं।
निष्कर्ष: कब मिलेगा पीड़ित परिवार को न्याय?
यह घटना न केवल एक परिवार के लिए, बल्कि पूरे गांव के लिए चिंता का विषय बन गई है। अपराधियों की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को न्याय मिलने तक यह मामला शांत नहीं होगा। पुलिस को जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई करनी होगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और लोग सुरक्षित महसूस कर सकें।